न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
सरकार ने पवन हंस लिमिटेड में अपनी पूरी यानी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को बेचने का फैसला किया है। इसके साथ ही मैनेजमेंट नियंत्रण भी खरीदार कंपनी को चला जाएगा। पवनहंस भारत सरकार और ओएनजीसी यानी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन का एक साझा उपक्रम है जो हेलिकॉप्टर और एयरो मोबिलिटी सर्विस देता है।
पवनहंस के विनिवेश की पहले भी तीन बार कोशिश हो चुकी है। सीसीईए यानी कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने अक्टूबर 2016 में इसके रणनीतिक विनिवेश का फैसला किया था। केंद्र सरकार के पास इस कंपनी में 51 फीसदी जबकि 49 प्रतिशत शेयर ओएनजीसी के पास हैं। ओएनजीसी भी सरकार के चुने बोलीकर्ता को अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी। इसका मूल्य और शर्तें भी वही रहेंगी। केंद्र को अपने 51 फीसदी शेयरों के एवज में 211 करोड़ रुपए मिलेंगे।
पवनहंस को पिछले तीन सालों से यानी 2019 से लगातार घाटा हो रहा था। इस कंपनी के पास 42 हेलिकॉप्टर हैं। इनमें से 41 खुद कंपनी ने खरीदे हैं। इन हेलिकॉप्टरों की औसत आयु बीस साल से अधिक है। पवनहंस देश का एकमात्र सरकारी हेलिकॉप्टर सर्विस प्रोवाइडर था। इसकी स्थापना अक्टूबर 1985 में हुई थी। उसके अगले साल 6 अक्टूबर को पवनहंस ने ओएनजीसी के लिए पहला कमर्शियल अभियान शुरू किया था। इसके साथ ही ओएनजीसी की विदेशी हेलिकॉप्टरों पर निर्भरता खत्म हो गई थी। इसके अलावा पवनहंस लिमिटेड पूर्वोत्तर के राज्यों में सरकारी कामों के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं मुहैया कराती थी।
पवनहंस के विनिवेश की पहली कोशिश में प्रिलिमनरी इन्फॉर्मेशन मेमोरेंडम 13 अक्टूबर 2017 को जारी किया गया था। इसमें एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगे गए थे। चार कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी, मगर उनमें से एक को ही पात्र पाया गया और विनिवेश प्रक्रिया रद्द कर दी गई। दूसरी बार में 14 अप्रैल 2018 को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की मांग करते हुए प्रिलिमनरी इन्फॉर्मेशन मेमोरेंडम जारी किया गया था और दो बोली लगाने वाली कंपनियों को पात्र पाया गया था। उन्हें रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया गया, मगर इस बार भी अधूरी बोली के कारण प्रक्रिया रुक गई।
तीसरी बार में 11 जुलाई 2019 को फिर प्रिलिमनरी इन्फॉर्मेशन मेमोरेंडम जारी किया गया। इस बार चार एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आए। इनमें से केवल एक ही सही मिला जिसके चलते सारी प्रक्रिया फिर से रद्द कर दी गई। इसके बाद 8 दिसंबर 2020 को चौथी बार एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आमंत्रित किए गए।
इस बार सात एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मिले और उनमें से चार बोलीकर्ताओं को पात्र के रूप में चुना गया। फिर उन बोलीकर्ताओं को फाइनेंशियल बिड जमा करने के लिए कहा गया। इनमें से तीन कंपनियों ने फाइनेंशियल बिड जमा कीं।
पवनहंस लिमिटेड की 51 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए रिजर्व प्राइस 199.92 करोड़ रुपए तय किया गया था। मेसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स अल्मास ग्लोबल अपॉर्चुनिटी फंड ने 211.14 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। बाकी दो बोलीकर्ताओं ने 181.05 करोड़ और 153.15 करोड़ की पेशकश की थी। लंबे विचार-विमर्श के बाद सरकार ने स्टार9 मोबिलिटी की बोली को मंजूरी दे दी।
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