न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
दूरसंचार विभाग ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे लोगों के कॉल रिकॉर्ड का डेटा दो साल तक सुरक्षित रखें। फिलहाल इस डेटा को सुरक्षित रखने की अवधि 18 महीने है। माना जा रहा है कि इस अवधि में बढ़ोत्तरी कई सुरक्षा एजेंसियों की गुजारिश पर की गई है।
इसके लिए दूरसंचार विभाग ने एकीकृत लाइसेंस समझौते में संशोधन किया है। दूरसंचार और इंटरनेट सेवाएं देने वाली कंपनियों के साथ अन्य सभी दूरसंचार लाइसेंसधारियों को भी यह आदेश दिया गया है। पिछली 21 दिसंबर को इसकी अधिसूचना जारी की गई।
अधिसूचना के मुताबिक सभी कॉल विवरण रिकॉर्ड, एक्सचेंज विवरण रिकॉर्ड और नेटवर्क कम्युनिकेशन आईपी का रिकॉर्ड दो साल के लिए सुरक्षित रखे जाएं। इसमें कहा गया है कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को दो साल की अवधि के लिए सामान्य आईपी विवरण रिकॉर्ड के अलावा इंटरनेट टेलीफोनी का विवरण भी रखना होगा।
विभाग के सूत्रों के मुताबिक कई सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि उन्हें एक साल बाद भी इस डेटा की जरूरत पड़ती है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में जांच लंबे समय तक चलती रहती है। इस आदेश के लिए विभाग ने सभी संबंधित कंपनियों के साथ बैठक भी की।
बताया गया कि जब भी इस तरह के डेटा को खत्म किया जाता है तो उससे पहले संबंधित कार्यासय को इसकी जानकारी दी जाती है। यह जानकारी देन के पैंतालीस दिन बाद वह डेटा खत्म कर दिया जाता है। सूत्रा का कहना था कि इस डेटा को दो साल तक यानी छह महीने और सुरक्षित रखने के लिए कंपनियों को कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा। असल में यह डेटा टेक्स्ट रूप में स्टोर किया जाता है, जिससे बहुत अधिक जगह की जरूरत नहीं होती।
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