न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
मल्टीप्लेक्स कंपनियों पीवीआर और आईनॉक्स लीजर का विलय हो रहा है। इस रविवार इन दोनों लिस्टेड कंपनियों के बोर्ड ने इस विलय को मंजूरी दी। नई कंपनी में आईनॉक्स बड़ा हिस्सेदार होगा। दोनों कंपनियों के प्रमोटर अब नई कंपनी के प्रमोटर बन जाएंगे।
नई कंपनी का नाम पीवीआर आईनॉक्स लिमिटेड होगा। दोनों कंपनियों की पुरानी स्क्रीन की ब्रांडिंग पीवीआर और आईनॉक्स के नाम से ही रहेगी। लेकिन विलय के बाद ये जो नए सिनेमाघर बनाएंगी उनका नाम पीवीआर आईनॉक्स होगा। नई कंपनी के निदेशक मंडल का फिर से गठन होगा जिसमें दस सदस्य होंगे। इसमें दोनों प्रमोटर परिवारों के दो-दो सदस्य़ होंगे।
इस विलय को सीसीआई यानी कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी क्योंकि दोनों कंपनियों का साझा संग्रह कोरोना के चलते एक हजार करोड़ रुपए से कम रहा है। नई कंपनी में आईनॉक्स प्रमोटरों की हिस्सेदारी 16.66 फीसदी और पीवीआर प्रमोटरों की 10.62 प्रतिशत रहेगी।
फिलहाल आईनॉक्स 72 शहरों की 160 संपत्तियों में 675 स्क्रीन चलाता है जबकि पीवीआर के पास 73 शहरों में 181 स्थान पर 871 स्क्रीन हैं। दोनों को मिला कर नई कंपनी 109 शहरों में 1546 स्क्रीन वाली सबसे बड़ी फिल्म एग्जीबिशन कंपनी होगी। कार्निवल सिनेमाज़ और सिनेपोलिस इंडिया इसकी प्रतियोगी कंपनियां होंगी जिनकी 450 और 417 स्क्रीनें हैं।
बताया गया है कि कि आईनॉक्स के पवन कुमार जैन नई कंपनी के बोर्ड के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन होंगे। पीवीआर के अजय बिजली नई कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर होंगे। उनके पास पूरा मैनेजमेंट कंट्रोल रहेगा। इसके साथ ही संजीव कुमार को एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया जाएगा।
दावा किया गया है कि यह फैसला ग्राहकों के हित में लिया गया क्योंकि विलय का फोकस उन्हें बेहतरीन सेवा और सिनेमाई अनुभव देना है। नई कंपनी सिनेमा के विश्व स्तरीय अनुभव को दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में ले जाने की दिशा में काम करेगी।
इस मौके पर पीवीआर के सीएमडी बिजली का कहना था कि फिल्म एग्जीबिशन कोरोना के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों में रहा है। ऐसे में डिजिटल एटीटी प्लेटफॉर्मों का सामना करने और इस कारोबार के दीर्घकालीन बचाव के लिए यह विलय जरूरी था। आईनॉक्स के डायरेक्टर सिद्धार्थ जैन का कहना था कि विलय से हम नए बाजारों में पहुंच बना सकेंगे। इसी तरह बिजनेस को बढ़ाते हुए खर्च और लागत में कमी लाने की कोशिश की जा सकेगी। इसका अर्थ यह भी है कि भविष्य में इन कंपनियों के मल्टीप्लेक्स में टिकटों के दाम भी कम हो जाएं।
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