न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

हरियाणा में होने वाले किसी भी हिंसक आंदोलन में शामिल लोगों से अब उनके द्वारा की गई तोड़फोड़ से हुए नुक्सान की भरपायी की जाएगी। राज्य विधानसभा ने पिछले बजट सत्र में इस बाबत संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021 पास किया था जो अब कानून बन गया है। राज्यपाल ने इस मंजूरी दे दी है।

सत्यदेव नारायण आर्य के दस्तखत करने के बाद प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार को अब जल्द ही इस कानून के तहत एक ट्रिब्यूनल गठित करना होगा। यह ट्रिब्यूनल प्रदर्शनों से होने वाले नुक्सान के मामलों में किसी व्यक्ति को दस करोड़ रुपए तक का मुआवजा दिलवा सकेगा। अगर संबंधित व्यक्ति को बीमा कंपनियों आदि से भी कुछ मिलता है, तो सरकार इसे भरपाई में समायोजित करेगी।

इस कानून के तहत किसी आंदोलन या प्रदर्शन में सरकार अथवा किसी की निजी संपत्ति का नुक्सान होता है और उसकी कीमत एस हजार रुपए से अधिक है तो वह उसके बदले मुआवजा मांग सकता है। यह संपत्ति कोई वाहन, पशु, आभूषण आदि हो सकता है। आंदोलन के दौरान संबंधित एसएचओ एफआईआर के साथ घटना की पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को देगा। उसके बाद जिलाधिकारी मुआवजे के दावे आमंत्रित करेंगे।

इन दावों की रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को बेजी जाएगी और फिर नुकसान का आंकलन होगा। यह ट्रिब्यूनल आवेदकों को अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक मुआवजा दिलवा सकेगा। अगर जिस संपत्ति का नुक्सान हुआ है उसका बीमा भी करवाया गया था तो बीमा में मिलने वाले पैसे का मुआवजे में समायोजन किया जाएगा।