न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
सरकार एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम को आकर्षक बनाने के लिए उसके नियमों मे बदलाव की तैयारी कर रही है। इस बारे में उसकी पेंशन फंड रेगुलेटर पीएफआरडीए यानी पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी से बातचीत जारी है। एनपीएस को बेहतर बनाने के लिए कुछ उपायों की शुरूआत हो चुकी है जबकि कुछ को अभी लागू किया जाना है।
इन बदलावों के तहत टैक्स में ज्यादा छूट, बीमा एजेंट्स की दिलचस्पी बढ़ाने और स्कीम को महंगाई से जोड़ने जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन बदलावों के अमल में आने के बाद निवेशक अपने पूरे फंड को सिस्टमैटिक विड्रॉअल प्लान में डाल सकेंगे जिससे उन्हें ज्यादा फायदा होगा। अभी निवेशक अपने फंड का केवल 60 फीसदी रिटायरमेंट के वक्त निकाल सकते हैं, जबकि बाकी रकम से उन्हें एन्युटी खरीदनी होती है। इस पैसे से उन्हें जीवन भर पेंशन मिलती रहती है।
लेकिन नए बदलावों में ऐसी व्य़वस्था पर सोचा जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर कोई भी निवेशक अपना पूरा पैसा एक बार में एक साथ निकाल सके। माना जा रहा है कि जल्दी ही इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
अभी एनपीएस के तहत निवेशकों को केवल पांच प्रतिशत का रिटर्न मिलता है जिसकी वजह से लोग इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते। अब लोगों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए नियामक अब एन्युटी से मिलने वाले रिटर्न को महंगाई से जोड़ने पर विचार कर रहा है। इसके लिए पीएफआरडीए बीमा नियामक इरडा से भी सलाह कर रहा है।
पेंशन नियामक ने सरकार को यह भी सुझाव दिया है कि एनपीएस में निवेश कर टैक्स बचत वाली रकम की सीमा मौजूदा पचास हजार से बढ़ा कर एक लाख रुपए कर दी जाए। इससे निवेशकों को टैक्स बचत में भी काफी लाभ मिलेगा। पीएफआरडीए ने सरकार को यह भी सुझाव दिया है कि एनपीए के तहत एन्युटी में निवेश से मिलने वाले पेंशन की रकम को एक निश्चित सीमा तक टैक्स फ्री कर दिया जाए। पीएफआरडीए मानता है कि यह सीमा दस लाख रुपए सालाना तक हो सकती है। उसका कहना है कि इस सीमा तक मिलने वाली रकम को या तो पूरी तरह कर मुक्त कर दिया जाए और अगर टैक्स लगाना ही है तो बहुत मामूली टैक्स लगाया जाए।
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