न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
महेंद्र पाण्डेय
नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अपने संस्मरणों की पुस्तक छपवाने के लिए प्रकाशक नहीं मिल रहे हैं। अमेरिका में राष्ट्रपतियों के अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद अपने संस्मरण प्रकाशित करने की एक परंपरा रही है। ट्रम्प से पिछले राष्ट्रपति बराक ओबामा के भी संस्मरण प्रकाशित हुए हैं जिन्हें इस किताब के एवज में लगभग सात करोड़ डॉलर मिले थे।
ट्रम्प ने भी ऐलान किया था कि वे भी अपने व्हाइट हाउस के संस्मरण लिख रहे हैं और उनकी किताब उनके विरोध में प्रकाशित सभी पुस्तकों पर भारी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि दो प्रमुख प्रकाशक उनके संपर्क में हैं, हालांकि उन्होंने उनके नाम नहीं बताए थे। ट्रम्प के इस ऐलान के बाद अमेरिका के सभी प्रमुख प्रकाशकों की एक बैठक हुई, जिसमें कहा गया कि प्रमुख प्रकाशकों में से कोई भी ट्रम्प की पुस्तक प्रकाशित करने का इच्छुक नहीं है और ना ही उनमें से किसी ने इस बारे में ट्रम्प से संपर्क किया है। इस बैठक में साइमन एंड शूस्टर, पेंगुइन रैंडम हाउस, हैचेट, हार्पर कॉलिंस, मैकमिलन जैसे प्रकाशक शामिल थे।
प्रकाशकों के अनुसार ट्रम्प के संस्मरण छापने से मना करने के कारणों में सबसे प्रमुख कारण यह है कि इसमें कुछ भी सही नहीं होगा। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ अखबार के अनुसार डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पूरे कार्यकाल में 30573 बार झूठ बोला। जाहिर है कि झूठ बोलना उनकी आदत है और संपादकों को पुस्तक के हर वाक्य के तथ्यों को परखना होगा, जो एक कठिन कार्य है।
प्रकाशकों के अनुसार ट्रम्प की पुस्तक छापने से उनके कर्मचारियों में रोष बढ़ सकता है, क्योंकि अमेरिका के अधिकतर लोग ट्रम्प को कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद पर हमले का दोषी मानते हैं। फिर, वे आज भी बिना किसी सबूत के चुनावों में धांधली पर जोर देते हैं, और चुनाव के नतीजों को बदलना चाहते हैं। साइमन एंड शूस्टर को अपने कर्मचारियों के गुस्से का सामना डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार माइक पेन्स की पुस्तक के प्रकाशन के समय भी करना पड़ा था, जबकि इस पुस्तक के अधिकतर हिस्सों में तथ्य ट्रम्प के विरुद्ध थे।
इस सबके बीच, हार्पर कॉलिंस की सहायक कंपनी ब्रॉडसाइड बुक्स जल्दी ही जेयर्ड कूश्नर के संस्मरण प्रकाशित करने जा रहा है। यह पुस्तक अगले वर्ष की शुरूआत में बाजार में आयेगी। कुश्नर असल में डोनाल्ड ट्म्प के दामाद यानी इवांका ट्रम्प के पति हैं, और वे ट्रम्प के प्रमुख सलाहकार भी थे। (आभार- समय की चर्चा )
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