न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार ने अपने स्कूलों में वैदिक गणित पढ़ाने का निर्णय़ लिया है। राज्य के शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ने गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर यह घोषणा की। वाघाणी ने कहा है कि वैदिक गणित, जिसे अंकगणितीय समस्याओं को हल करने का एक आसान और तेज तरीका माना जाता है, को अगले साल से स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
वाघाणी ने ट्वीट भी किया कि महान भारतीय गणितज्ञ रामानुजन के जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर राज्य सरकार ने स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से वैदिक गणित की पढ़ाई शुरू करने का फैसला किया है। उनके मुताबिक इस विषय को 2022-23 के शिक्षा सत्र से छठी से दसवीं कक्षा तक के लिए शुरू किया जाएगा। उनका कहना था कि ऐसा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप भारतीय ज्ञान प्रणाली के प्रसार के उद्देश्य से किया जाएगा।
असल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को धरातल पर साकार करने के लिए कई राज्यों की सरकारें कदम उठा रही हैं। अगले सत्र से कई राज्यों की स्कूली शिक्षा में कई तरह के बदलाव आने वाले हैं। योग, आयुर्वेद, उद्यानिकी, गीता ज्ञान और खेती आदि को स्कूली शिक्षा में शामिल किया जा रहा है। गुजरात सरकार का फैसला भी इसी लक्ष्य से प्रेरित माना जा रहा है। माना जाता है कि वैदिक गणित जटिल समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक चरणों की संख्या कम कर देता है यानी उसके समाधान में लगने वाला समय घटा देता है और साथी ही समाधान हासिल करने के लिए कई दृष्टिकोण प्रदान करता है।
जीतू वाघाणी ने जब यह घोषणा की तो उनका कहना था कि वैदिक गणित वास्तव में विषय पर छात्रों की पकड़ मजबूत करेगा और उन्हें विषय को समझने में भी आसानी होगी। उनके मुताबिक इससे गणित में छात्रों की रूचि भी बढ़ेगी।
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