न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
सुशील कुमार सिंह
पंजाब विधानसभा के अगले चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं होने को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, फिर भी वे पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे। यहां तक कि लखीमपुर की घटना पर भी उनका कोई बयान नहीं आया है जबकि उनकी पार्टी कई जगह विरोध प्रदर्शन कर रही है।
राघव चड्ढा के नेतृत्व में पार्टी नेताओं की एक टीम लखीमपुर गई और पीड़ितों से मिली। चंडीगढ़ में भी पार्टी की तरफ से राजभवन का घेराव किया गया। इन दोनों ही जगह भगवंत मान नहीं थे। असल में उनकी पार्टी यह घोषणा कर चुकी है कि इस बार वह मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा किए बगैर चुनाव लड़ेगी, जबकि भगवंत मान चाहते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाए।
इसके लिए वे शक्ति प्रदर्शन भी कर चुके हैं। पार्टी के कई नेताओं ने उनके घर जाकर इसकी मांग भी की है। हाल में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लुधियाना आए और दो दिन यहीं रहे। स्थानीय व्यापारियों के साथ केजरीवाल की बैठक के समय भगवंत मान स्टेज पर मौजूद थे। दूसरे दिन केजरीवाल की प्रेस कान्फ्रेंस में भी वे उनके साथ थे। मगर उसके बाद से वे पार्टी के किसी कार्यक्रम में नहीं दिखे।
वैसे पार्टी के सूत्र कहते हैं कि भगवंत सिंह मान को पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने से अरविंद केजरीवाल ने इन्कार कर दिया है। इस बारे में जब खुद अरविंद केजरीवाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि भगवंत मान रुठे नहीं हैं। वह उनके छोटे भाई हैं। केजरीवाल ने आगे कहा कि हम लोग राजनीति में नाम या पद के लिए नहीं आए हैं। पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा दिया जाएगा जो ऐसा होगा कि जिस पर लोगों को नाज होगा। केजरीवाल तो मीडिया से यह सब कह कर दिल्ली लौट आए। मगर तभी से भगवंत मान पार्टी के कार्यक्रमों में दिख नहीं रहे हैं।
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